होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है क्या है इसके पीछे का पूर्ण रहस्य।
क्यों मनाते हैं होली का त्यौहार।
होली का त्यौहार चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है,इसे रंगों का त्यौहार माना जाता है।
होली को राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।
होली क्यों मनाया जाता है
होली राधा और कृष्ण की प्रेम का प्रतीक माना जाता है
बचपन में राधा कृष्ण अपने दोस्तों के साथ रंगों से खेला करते थे इसलिए ब्रज में आज भी होली का त्यौहार मनाया जाता है।
होली का त्यौहार भक्त प्रहलाद की याद में भी मनाया जाता है
होली मनाने के पीछे का रहस्य
माना जाता है कि प्राचीन काल में हिरण्यकशिपु नाम का एक अत्यंत बलशाली असुर था। अपने बल के अहंकार में वह स्वयं को ही ईश्वर मानने लगा था। उसने अपने राज्य में ईश्वर का नाम लेने पर ही पाबंदी लगा दी थी। हिरण्यकशिपु का पुत्र प्रह्लाद ईश्वर भक्त था। प्रह्लाद की ईश्वर भक्ति से क्रुद्ध होकर हिरण्यकशिपु ने उसे अनेक कठोर दंड दिए, परंतु उसने ईश्वर की भक्ति का मार्ग न छोड़ा। हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में भस्म नहीं हो सकती। हिरण्यकशिपु ने आदेश दिया कि होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे। आग में बैठने पर होलिका तो जल गई, पर प्रह्लाद बच गया। ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है। प्रतीक रूप से यह भी माना जाता है कि प्रह्लाद का अर्थ आनन्द होता है।

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